Why Railways Give Free Internet Access | Full Details About Railway Stations Free Internet
रेलवे स्टेशन पर फ्री इंटरनेट सुविधा कुएं और कैसे डी जाती है।
तो दोस्तों आज हम लोग यहां पर बात करने वाले हैं स्टेशन पर जो हम लोगों को फ्री में इंटरनेट की सुविधा दी जाती है। आखिर वह हम लोगों को क्यों फ्री में दी जाती है और सरकार के पास कितना फ्री इंटरनेट है। जो कि हम लोगों को पूरा बिल्कुल फ्री कर दी जाती है। आप को जितना मन है उतना आप इंटरनेट चला सकते हैं आखिर ऐसा क्यों होता है। तो इस आर्टिकल को लास्ट तक पढ़े अब पूरी अच्छी तरीके से जान जाएंगे। आखिर ऐसा क्यों करती है।
इंटरनेट कैसे काम करती है?
सबसे पहले हम लोगों को यह समझना होगा कि आखिर इंटरनेट काम कैसे करती है? मतलब कि वह हम लोगों को को कैसे सुविधा प्राप्त करवाती है और आप अपने मोबाइल में इंटरनेट की सुविधा कैसे चला सकते हैं। आपका जवाब होगा कि टावर के माध्यम से या फिर सेटेलाइट के माध्यम से हम इंटरनेट को चला सकते हैं। यह जो आप खुद जवाब सोच रहे हैं वह आपके अनुसार तो सही है लेकिन आपका जवाब बिल्कुल गलत है। यहां पर आप जानते ही नहीं है कि आप इंटरनेट कैसे चलाते हैं और फिर कैसे हम लोगों से एक्सेस कर पाते हैं अरे इंटरनेट कहां से आती है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि पूरी दुनिया का इंटरनेट 99% इंटरनेट केबल ऑप्टिकल फाइबर वायर के माध्यम से चलती है।, और बता दें कि इस वायर को समुद्र के रास्ते सभी देशों से जोड़ा जाता है। जिसके माध्यम से ऑप्टिकल फाइबर के द्वारा इंटरनेट चला पाते हैं।
सबसे पहले हम लोगों को यह समझना होगा कि आखिर इंटरनेट काम कैसे करती है? मतलब कि वह हम लोगों को को कैसे सुविधा प्राप्त करवाती है और आप अपने मोबाइल में इंटरनेट की सुविधा कैसे चला सकते हैं। आपका जवाब होगा कि टावर के माध्यम से या फिर सेटेलाइट के माध्यम से हम इंटरनेट को चला सकते हैं। यह जो आप खुद जवाब सोच रहे हैं वह आपके अनुसार तो सही है लेकिन आपका जवाब बिल्कुल गलत है। यहां पर आप जानते ही नहीं है कि आप इंटरनेट कैसे चलाते हैं और फिर कैसे हम लोगों से एक्सेस कर पाते हैं अरे इंटरनेट कहां से आती है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि पूरी दुनिया का इंटरनेट 99% इंटरनेट केबल ऑप्टिकल फाइबर वायर के माध्यम से चलती है।, और बता दें कि इस वायर को समुद्र के रास्ते सभी देशों से जोड़ा जाता है। जिसके माध्यम से ऑप्टिकल फाइबर के द्वारा इंटरनेट चला पाते हैं।
यह जो आप ऊपर में फिगर देख पा रहे हैं। ऐसी केबल बिछाने के लिए बड़ी-बड़ी कंपनियों के द्वारा यह प्रोजेक्ट तैयार किया जाता है। यह सबमरीन केबल समुंद्र के बहुत गहराई से सभी देशों में जोड़ा जाता है। जिसे टायर वन कंपनी कहा जाता है और यह वाइट सभी देशों के समुद्र तट इलाकों को महत्वपूर्ण शहरों तक लाया गया है। इसके बाद उन्हीं समुद्र तट इलाकों के महत्वपूर्ण शहरों से भारत के विभिन्न शहरों तक किया हुआ बिछाया गया है। जिसे जिओ एयरटेल आइडिया बीएसएनएल इत्यादि ने किया है और इससे टायर टू कंपनी कहा जाता है और भारत की इन्हीं संचार कंपनियों ने अपना वायर बिछाकर सबमरीन काव्य से जोड़ दिया गया है। जिसके माध्यम से हम इंटरनेट एक्सेस कर पाते हैं।
भारतीय रेल फ्री इंटरनेट सुविधा कैसे देती हैं।
अब यहां पर हम अपने मेन टॉपिक पर बात कर लेते हैं। जो कि आखिर भारत सरकार भारतीय रेल फ्री में इंटरनेट सुविधा क्यों देती है और उसका एक उदाहरण देता हूं। मान लीजिए आपके पास दो कंप्यूटर है और दोनों कंप्यूटर से फाइल या फिल्म का आदान प्रदान करना हो तो कैसे करेंगे हो सकता है? आप ब्लूटूथ या फिर वाईफाई से करते हैं तो आपको घंटे लग जाएंगे। लेकिन आप यही काम केबल के माध्यम से करते हैं। तो आप इन कामों को कुछ ही मिनटों में फाइल ट्रांसफर कर सकते हैं।
अब यहां पर हम अपने मेन टॉपिक पर बात कर लेते हैं। जो कि आखिर भारत सरकार भारतीय रेल फ्री में इंटरनेट सुविधा क्यों देती है और उसका एक उदाहरण देता हूं। मान लीजिए आपके पास दो कंप्यूटर है और दोनों कंप्यूटर से फाइल या फिल्म का आदान प्रदान करना हो तो कैसे करेंगे हो सकता है? आप ब्लूटूथ या फिर वाईफाई से करते हैं तो आपको घंटे लग जाएंगे। लेकिन आप यही काम केबल के माध्यम से करते हैं। तो आप इन कामों को कुछ ही मिनटों में फाइल ट्रांसफर कर सकते हैं।
आपको यहां पर जानकर बहुत आश्चर्य होगा कि दुनिया के किसी भी सरवर का डाटा फ्री में भेजा या फिर लाया जाता है। इसका मतलब यह है कि इंटरनेट को कोई भी पैसा नहीं लगता है यह पूरी तरह से फ्री होता है। तो आपके मन में यह सवाल जरूर आ रहा हुआ इंटरनेट फ्री है तो हमसे पैसा क्यों लिया जाता है? तो इसका जवाब है कि टायर वन कंपनी जिसने अपना पैसा लगाकर सबमरीन केबल बिछाया है। वही पैसा टायर टू कंपनी बीएसएनएल, एयरटेल, आइडिया, जिओ इत्यादि हम से लेकर और कुछ प्रतिशत रखकर उस कंपनी को दे दिया जाता है। हम साफ शब्दों में कहें तो हम से पैसा बीएसएनल आइडिया और वोडाफोन जियो जैसी कंपनियां जो लेती है वह कुछ पैसे रखकर बाकी टायर टू कंपनी को पैसा दिया जाता है।
अब आपको समझ में आ गया होगा कि भारतीय रेलवे आखिर हमें क्यों प्रदान करती है। भारतीय रेलवे अपने शुरुआत के दिनों में इंटरनेट के लिए बीएसएनएल पर आश्रित था। बाद में भारतीय रेलवे ने अपनी पहुंच को बढ़ाने के लिए सितंबर 2000 में रेलटेल जो की एक कंपनी है। एक सरकार पीएसयू कंपनी की शुरुआत की जिसके द्वारा पूरे भारत में हाई स्पीड ऑप्टिकल फाइबर वायर बिछाया गया। अभी के समय में बात कर ले तो वर्तमान में या हाई स्पीड ऑप्टिकल फाइबर वाले लगभग 45000 किलोमीटर तक फैला हुआ है और लगभग 5000 रेलवे स्टेशन से जुड़ा हुआ है। जिससे फ्री में इन रेलवे स्टेशन को हाई स्पीड इंटरनेट से जोड़ा गया है। फिर कुछ समय बाद रेलवे ने यह निर्णय लिया कि यह सुविधा आम लोगों को भी दिया जाए। जो कि हम से जोड़कर सफर करते रहती है क्योंकि भारतीय रेलवे के पास खुद का है स्पीड ऑप्टिकल फाइबर बिछा हुआ था तो पैसे केवल टायर वन कंपनी को ही देने थे तो इसके लिए रेलवे ने गूगल से एक समझौता किया और गूगल ने अपने उच्च तकनीक लगाकर एक सुरक्षित वाईफाई हॉटस्पॉट का निर्माण किया। जिस वाईफाई हॉटस्पॉट का रेंज सिर्फ रेलवे स्टेशन तक ही रखा गया उसके बाहर उसका सिग्नल नहीं आता।
अब आपको समझ में आ गई होगी कि आखिर भारत सरकार जो रेलवे से जुड़कर कहीं आता यार जाता है तो स्टेशन पर उसे फ्री इंटरनेट की सुविधा दी जाती है। जिससे कि वह किसी भी चीज के बी भी चीज के बारे में पता कर सके और आसानी से अपना काम कर सके। इसलिए हमें भारत सरकार फ्री इंटरनेट की सुविधा प्रदान करती है। तो दोस्तों आपको यह जानकर कैसा लगा। दोस्तों नीचे कमेंट में करके जरूर बताइएगा और हमारे यहां पहली बार आएंगे तो हमें फॉलो भी जरूर कर लीजिएगा। तो दोस्तों आपको कोई भी सवाल है तो नीचे कमेंट में कर सकते हैं। उसका जवाब जरूर दूंगा तो चलिए ऐसे ही मिलते हैं तब तक हम से जुड़े रहिएगा।